Diwali Puja 2023 : दिवाली का त्यौहार नज़दीक है और ऐसे में मासिक धर्म की समस्या आजाये तों महिलाओं के दिमाग़ में कई प्रश्न उत्पन्न होते है जैसे, मासिक धर्म अर्थात पीरियड के कितने दिनों बाद दीपावली की पूजा करें? साथ ही आप सभी अगर मासिक धर्म हो गया है तो दीपावली की पूजा किस तरह से पूर्ण करें, यह सब सवालों के जवाब आज की पोस्ट में आपको मिलेंगे इसलिए पोस्ट को अंत तक ज़रूर पढ़े।
क्या हम पीरियड्स में दिवाली पूजा कर सकते हैं?
दीपावली के 5 दिन के पावन पर मैं मासिक धर्म अगर महिला को आ जाता है तो किसी ना किसी तरह से पूरा परिवार दुखी रहता है। हम सभी जानते हैं पांच दिनों में हम अपने कुल देवी देवता अपने इष्ट पितृ माँ लक्ष्मी गणेश सभी देवी देवताओं का पूजन करते हैं। भाई दूज जैसी सभी बड़ी पूजा इस दिन होती है। ऐसे में महिलाओं को आने वाला मासिक धर्म में हर महीने आने वाली एक क्रिया है। ऐसे में महिला केंद्र बिन्दु होती है।
मासिक धर्म में महिला को किसी भी पूजा पाठ की कोई धार्मिक पुस्तक हो, भगवान के लिए भोग हो या जो हैं विशेषतौर पर भगवान जी की कोई मूर्ति प्रतिमा हो उन्हें स्पर्श रूप नहीं करना चाहिए। नहीं जो हैं पूजा स्थल पर आपको बैठना चाहिए। इन चीजों का ध्यान रखना चाहिए। इसके पीछे कारण भी है। यह दिन जो है महिलाओं के आराम करने के होते हैं। इन दिनों कोशिश करना चाहिए। जितना संभव हो आप सभी पूर्ण रूप से आराम करें। नियम के साथ जो है मानसिक पूजा करें।
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पीरियड्स में कितने दिन बाद पूजा कर सकते हैं?
इसके साथ साथ आप सभी यह भी जरूरी से जान लीजिए की मासिक धर्म के कितने दिनों बाद आप सभी भगवान जी की पूजा करें? मासिक धर्म के पांचवें दिन से आप सभी अगर रक्तस्राव तेरी नहीं हो रहा हो तो आप शुद्ध है। आप बाल धोकर पूर्ण रूप से साफ स्वच्छ होकर, नए कपड़े धारण कर कर कहने का अर्थ है साफ सच्चे कपड़े धारण कर कर भगवान जी का विधि विधान से पूजन कर सकती है। कोई दिक्कत की बात नहीं है। पांचवा दिन जो है 4 दिन पूर्व हुए पांचवां दिन बाल धोया और आप सभी पूजा में बैठ जाए, कोई दिक्कत की बात नहीं है,
पीरियड में कितने दिन तक पूजा नहीं करना चाहिए?
परंतु तीसरे चौथे दिन और दूसरे दिन और प्रथम दिन आप भगवान जी को स्पर्श से नहीं कर सकते। पूजा में आप नहीं बैठ सकते। इन चीजों का आप सभी ध्यान रखें और नियम से पूजा करें। देखिए इन दिनों अपने आप में पवित्र दिन माने जाते हैं। भगवान जी को स्पर्श करना दोषयुक्त कहलाता है। शास्त्रों में विधि विधान से इसका पूर्ण वर्णन मिलता है। कारण भी बहुत बड़ा इसके पीछे छुपा हुआ है तो आप सभी 4 दिन तक तो मासिक धर्म के किसी भी तरह से पूजा में सम्मिलित ना हो। 4 दिन पूरा हो जाने के बाद पांचवें दिन से पूजा कर सकते हैं। कोई दिक्कत की बात नहीं है।
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पीरियड में लक्ष्मी पूजा कैसे करें?
पीरियड में लक्ष्मी पूजा करने के लिये आप सभी साधारण सरल तरीके से अपने पति, अपने बच्चे और साथ ही आपके कोई सहेली है या पंडित जी को इस दिन व्यवस्थित कर सके आकर घर पर दीपदान कर दे या आपके घर पर लक्ष्मीनारायण धनतेरस भगवान जी की अर्थात धनवंतरी देवता कुबेर जी महाराज की पूजा पांचवें दिन तक लगातार जो हैं दीपदान इत्यादि संपूर्ण नियम से कर सके या आपके पति साधारण सरल तरीके से या आपकी देवरानी जेठानी आपके घर पर या आपके मंदिर में पूजन कर सकती है। आपकी कोई शक ही सहेली पड़ोसी या आपके बच्चे कर देते हैं तो वह पूजा करें।
आप जो है भगवान जी का भोग, प्रसाद और पूजन इत्यादि में सम्मिलित नहीं हो सकती है। इन चीजों का आप सभी ध्यान रखें। धनतेरस की पूजा दिवाली की पूजा बहुत बड़ी पूजा के रूप में मानी जाती है। गोवर्धन पूजा तो आप सभी इन पूजा में सम्मिलित नहीं हो सकती है। आप दूर से कथा का श्रवण करें।
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मानसिक रूप से आप पूजन कर सकती है, परंतु प्रत्यक्ष रूप से आप सभी पूजा में हिस्सा नहीं ले सकती है। आप सभी अन्य व्यक्तियों की मदद से अपने घर पर पूजा करवा सकती है और संपूर्ण विधान से पूजा कर सकती है। कोई दिक्कत की बात नहीं है, आपके नाम की पूजा हो रही है, पंडितजी कर रहे हैं या घर के अन्य सदस्य कर रहे हैं, उसका फल आपको भी प्राप्त होगा।
आप मानसिक पूजा करें। जो नियम अब पिछले साल तक आप करते आ रही थी, उन्हीं नियमों का परिपूर्ण रूप से पालन करें। किसी तरह से स्वयं को दोष न दें। कि कैसे करूँ के मुझे ऐसा क्यों हुआ? कोई गलती हुई है इस कारण से ऐसा कुछ नहीं है। ये हम मानसिक चक्र है जो हर महीने प्रत्येक महिला को मानसिक रूप से आता है।