वर्चुअल ऑटिज़्म रिकवरी टाइम | Virtual Autism Recovery Time in Hindi 

Virtual Autism Recovery Time in Hindi : वर्चुअल ऑटिज्म दरअसल एक ऐसी स्थिति जिसमें मोबाइल और स्मार्ट फ़ोन टी वि या कंप्यूटर पर ज्यादा वक्त बिताने वाला बच्चा दूसरों से बातचीत करने में दिक्कत महसूस करने लगता है।

वर्चुअल ऑटिज्म क्या है – What Is Virtual Autism

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वर्चुअल ऑटिज्म सवा साल से 6 साल तक के बच्चों में ज्यादा देखी जाती है, क्योंकि बच्चे ज्यादातर वक्त मोबाइल या टी वि के सामने बिताते हैं तो वह बोलने, बात करने या बात को समझने में दिक्कत महसूस करने लगते हैं। ऐसे बच्चों का स्पीच डेवलपमेंट नहीं हो पाता। वो दूसरों के सामने या दूसरों से बातचीत करने में सहज नहीं हो पाता। और उनका सामाजिक दायरा कमजोर होने लगता है।

सारा दिन जब बच्चा टी वि या मोबाइल के आगे ही बैठा रहे तो उसका दिमाग उसी तरह से व्यवहार करता है। वो बाकी लोगों से आँख मिलाने में कतराता है। बातचीत में दिक्कत होने के साथ साथ बच्चे का इंटेलीजेंस लेवल भी कमजोर होता है। ऐसी स्थिति को ही वर्चुअल ऑटिज्म कहते हैं।

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वर्चुअल ऑटिज़्म रिकवरी टाइम – Virtual Autism Recovery Time in Hindi

वही वर्चुअल ऑटिज्म से रिकवरी की बात करें तो अगर बच्चों का स्केडुयूल सही से बनाया जाए तो उन्हें वर्चुअल ऑटिज्म की चपेट में आने से भी बचाया जा सकता है। इसके लिए बच्चों को फिजिकल अक्टिविटी खेल और दूसरी अक्टिविटीज में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करें। बच्चा गैजेट पर कम निर्भर हो और उसका सामाजिक दायरा भी बढ़े।

Virtual Autism से बच्चों बच्चों को कैसे बचाये?

  • बच्चे का स्क्रीन टाइम खत्म करने के लिए उसका स्केडुयूल इस तरह से बनाएं क्योंकि वह पूरा दिन बीज़ी रहे।
  • दोपहर तक बच्चा स्कूल से आने के बाद लंच करें और आराम करें।
  • इसके बाद उसके आउटडोर अक्टिविटीज पर फोकस करें।
  • दूसरी जगहों पर जाकर अकेले और दोस्तों से बातचीत करें।
  • साथ ही साथ उसका स्लीप पैटर्न भी दुरुस्त करें। उसे एक सही वक्त पर सुलाएं और मोबाइल देखने में समय खराब ना करें।
  • अगर ऐसा आप उस बच्चे के साथ भी करते हैं जो वर्चुअल ऑटिज्म जैसी परेशानी से जूझ रहा है। 

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