Heart attack: भारत के युवां इन कारणों से हो रहे हैं हार्टअटैक का शिकार

Heart attack: भारत के युवाओं का दिल कमजोर होता जा रहा है, 35 साल की उम्र में हो रहे हैं हार्ट अटैक का शिकार

 

अगर किसी को सवाल करो की स्वस्थ (फीट) किसे कहते हैं? तो बहुत से लोग कहेंगे कि जो दिखने में यंग हो, अच्छी बॉडी हो, रेगुलर जिम जाता हो क्या उन्हें फीट कहते हैं?

बहुत से लोगों के दिलों दिमाग में यह बात घर कर गई है की ऐसे लोगों को ही स्वस्थ व्यक्ति कहा जाता है जिनके डोले शोले हो सिक्स पैक हो अच्छी खासी बॉडी हो। लेकिन ऐसी धारणा अब गलत साबित हो रही है।

Heart attack
उदाहरण के तौर पर हम देखें तो कन्नड़ स्टार पुनीत राजकुमार का ही केस ले लो। जो डेली जिम जाते थे वर्कआउट करते थे अच्छा खानपान था उन्हें  न कोई टेंशन थी, अच्छी खासी जिंदगी थी फिर भी इतनी कम उम्र में उनका देहांत हो गया।

हार्ट अटैक क्या होता है?
Heart attack दिल की एक बीमारी है।  जिसमे किसी ब्लॉकेज के कारण दिल को रक्त  मिल नहीं पाता है और वह रक्त, रक्त की नलिकाओं से धमनियों तक पहुंच नहीं पाता है। धमनियों को जरूरत के हिसाब से खून ना मिलने पर दिल का कुछ हिस्सा काम करना बंद कर देता है तब ता हार्ट अटैक आता है।

ऐसे कई लोग हैं जिनकी कम उम्र में heart attack से मृत्यु हो गई है सिर्फ एक उदाहरण नहीं है जितने भी लोग थे जिनकी कम उम्र में heart attack से मौत होती हुई हो, हाल ही में सिद्धार्थ शुक्ला जैसे फीट इंसान जो रेगुलर जिम जाते थे दिखने में फिट थे आज भी मानना मुश्किल है कि सिद्धार्थ शुक्ला हमारे बीच नहीं है।

20 से 25 साल पहले की बात करें तो हार्ट अटैक से मृत्यु 30 साल के व्यक्ति कम से कम 6 महीने में एक या दो केस देखने को मिलते थे लेकिन अब हर वीकेंड में हार्ट अटैक से कई युवानो की मृत्यु हो जाती है।

आंकड़े बताते हैं कि कम उम्र में हार्ट अटैक के मामले दिनों दिन भारत में बढ़ते जा रहे हैं। रिसर्च में पाया जाता है कि यह आंकड़े दुनिया के सभी देशों में से भारत में हार्ट अटैक के केस युवानो में ज्यादा पाए जाते हैं।

अकाल मृत्यु के कारणों में 2005 में दिल की बीमारी  तीसरे नंबर पर थी। लेकिन 2016 में दिल की बीमारी अकाल मृत्यु का पहला कारण बन गया है 10, 15 साल पहले दिल की बीमारी को सब बुजुर्गों से जोड़कर देखा जाता था लेकिन एक दशक में दिल से जुड़ी बीमारी के आंकड़े कुछ और कहानी कहने लगे हैं।

हार्ट अटैक आने के कारण: causes of heart attack:
भारत के युवाओं का दिल कमजोर होता जा रहा है। कमजोर दिल का कारण जीवन शैली है। देश के युवाओं में फैली लाइफ स्टाइल है।

तनाव, खाने की गलत आदत, कंप्यूटर इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर देर तक काम करना, स्मोकिंग, तंबाकू, शराब की लत और पर्यावरण का प्रदूषण।

पढ़ने की उम्र में आजकल बच्चों में तनाव आम है, इतना ही नहीं छात्रों के जीवन में खाने का गलत समय और पढ़ाई के लिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का घंटों तक इस्तेमाल कोई नई बात नहीं है।

डॉक्टरों की माने तो हार्ट अटैक का सबसे बड़ा लक्षण माना जाता है सीने में तेज दर्द।

Weight loss journey: भारती सिंह हो यां शहनाज गिल यां फिर श्वेता तिवारी सभी ने अपनाएं ये टिप्स-2021

हार्ट अटैक के लक्षण: symptoms of heart attack:
अक्सर किसी फिल्म दृश्य में किसी व्यक्ति को दिल का दौरा पड़ता है तो वह अपना सीना जोर से जकड़ लेता है दर्द के मारे उसकी आंखों में एक घबराहट दिखने लगती है और वह जमीन पर गिर पड़ता है हम सभी को लगता है कि दिल का दौरा पड़ने पर ऐसा ही एहसास होता होगा जैसे हमारे सीने को कुचला जा रहा है ऐसी अनुभूति होती है।

लेकिन हमेशा नहीं जब दिल तक खून नहीं पहुंच पाता है तो दिल का दौरा पड़ता है। आमतौर पर हमारी ध्वनियों के रास्ते में किसी तरह की रुकावट आने की वजह से खून दिल तक नहीं पहुंचता इसीलिए सीने में तेज दर्द होने लगता है लेकिन कभी-कभी दिल के दौरे में दर्द नहीं होता इसे साइलेंट heart attack कहा जाता है।

महिलाओं के मुकाबले मर्दों में heart attack के केस ज्यादा देखने को मिलते हैं:
महिलाओं में हार्ट की बीमारी ज्यादा देखने को नहीं मिलती इसका कारण है महिलाओं में पाई जाने वाली सेक्स हारमोंस जो उन्हें दिल की बीमारी से बचाते हैं। लेकिन पिछले कुछ समय में महिलाओं में भी हार्ट अटैक जैसी बीमारियां देखी जा रही है। अगर कोई महिला स्मोकिंग करती है या गर्भनिरोधक पील्स का इस्तेमाल लंबे समय तक  करती है तो प्राकृतिक रूप से उसके शरीर की हृदय रोग से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है। कई महिलाएं सीने में दर्द को नजरअंदाज कर देती हैं इसलिए इलाज उन्हें  देर से मिलता है।

हार्ट अटैक का इलाज: treatment for heart attack:
हार्ट अटैक के खतरे से बचने के लिए युवाओं को अपने जीवन शैली में बदलाव लाने की जरूरत है बहुत हद तक योग से यह तनाव संभव है योग हार्ट अटैक से बचाव का कारगर तरीका है योग से ना सिर्फ तनाव दूर होता है बल्कि लोग शांत चित्त और तनावमुक्त होते हैं हार्ट अटैक से बचना है तो से ट्रांसलफेट से बचे।

युवाओं को हार्टअटैक से बचाने के लिए सरकार को भी कोई ठोस कदम उठाना चाहिए जैसे कि जंक फूड पर सरकार को ज्यादा टैक्स लगाना चाहिए जैसे सरकार तंबाकू और सिगरेट पर लगाती है साथ ही जंग फूड पर मोटे अक्षरों में वार्निंग लिखी होनी चाहिए सरकार इसके लिए नियम बना सकती है।

ऐसा करने से हार्टअटैक की समस्या जड़ से खत्म तो नहीं होगी लेकिन लोगों में जागरूकता जरूर बनेगी। अक्सर यह भी सुनने में आता है कि हार्ट अटैक का सीधा संबंध शरीर के कोलेस्ट्रॉल लेवल से होता है इसलिए अधिक तेल में तला हुआ खाना ना तो बनाएं और ना ही खाएं।

कोलेस्ट्रोल से ज्यादा ट्रांसफेट से यह समस्या ज्यादा उत्पन्न होती है ट्रांसफेट शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और बुरे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है। इसलिए इनसे बचना चाहिए।

ऊपर बताए गए तरीकों को अमल करके युवा heart attack से बच सकते हैं।

उम्मीद है आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आई होगी ऐसे ही पोस्ट पढ़ने के लिए आपके अपनी इस वेबसाइट को सब्सक्राइब करो और दूसरों तक भी शेयर करें धन्यवाद।

 

 

Leave a Comment