Aborshan Kaise Hota Hai : आज के समय में कपल इस बात पर काफी ध्यान देते है कि उनको बच्चा कब प्लान करना हैं। इसका मतलब यह नहीं होता है कि वो कपल सेक्सुअली एक्टिव नही होते हैं। कभी कभी ऐसा होता है कि वो कपल बच्चा नहीं चाहता है लेकिन महिला प्रेगनेंट हो जाती हैं। अगर आप भी इसी प्रकार की किसी समस्या से परेशान है तो आपको इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ना चाहिए क्योंकि इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको अबोर्शन के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करने का प्रयास करेंगे।
अबोर्शन क्या है? – Aborshan Kaise Hota Hai
अबोर्शन एक प्रकिया होती है जिसमे कपल यह निश्चित करता है कि उन्हें अभी बच्चा नहीं चाहिए। तो आप अपने बच्चे को महिला की गोद में पलने नही देते है और उस बच्चे की मेडिकली रूप से हत्या कर देते है। अबोर्शन एक लंबी प्रकिया है जो काफी कष्टकारी और समय लेती है।
क्या अबोर्शन कराना कानूनी जुल्म नही है?
भारत सरकार ने कुछ ही ऐसे केस है जिसमे अबोर्शन को कानूनी जुल्म नही माना जाता है, उन परिस्थिति के बारे में हमने नीचे बताया हुआ है,
ये भी पढ़े : प्रेग्नेंट होने के लक्षण कौन कौन से होते है
- अगर आप कपल म्यूचुअल तौर पर बच्चा नहीं चाहते है तो आप अबोर्शन करवा सकते है।
- अगर आपके पेट में जो बच्चा पल रहा है जो आपके स्वास्थ्य के लिए जानलेवा है तो ऐसी परिस्थिति में भी आप अबोर्शन करा सकते है।
- अगर आपके साथ रेप हुआ है। उस अवस्था में भी आप अबोर्शन करा सकते है।
अबोर्शन कितने प्रकार का होता है और कैसे किया जाता है?
मुख्य तौर पर अबोर्शन दो प्रकार का होता है,
- मेडिकली अबोर्शन
इस प्रकार के अबोर्शन में आप दवाई के इस्तेमाल से अपने पेट में पल रहे बच्चे को टर्मिनेट करते है। वो सभी प्रकार की दवाइया आप किसी मेडिकल स्टोर से प्राप्त नही कर सकते है। वो दवाइया केवल सरकार द्वारा ही रेग्यूलेट किया जाता है।
ये भी पढ़े : 7 इंग्रेडिएंट्स जिन्हें प्रेगनेंसी में नहीं करना है इस्तेमाल
- सर्जिकल अबोर्शन
इस प्रकार के अबोर्शन में डॉक्टर सर्जरी के तौर पर अबोर्शन की प्रक्रिया को पूरा करते है। सर्जिकल अबोर्शन में आम तौर पर डाइलेशन और एवेक्युलेशन (D&E) प्रोसेस को अपनाया जाता है।
अबोर्शन में आप दोनो में से कोई भी एक विकल्प को चुन सकते हैं आम तौर पर महिलाएं मेडिकली अबोर्शन कराने के बारे में अधिक सोचती हैं। लेकिन मेडिकली अबोर्शन भी काफी कठिन होता है और दर्द से भरा हुआ होता है। सर्जिकल अबोर्शन डॉक्टर काफी कम केस में ही सजेस्ट करते है। सर्जरी के माध्यम में आप डाइलेशन और एवेक्युलेशन (D&E) प्रोसेस से बच्चे को टर्मिनेट कर सकते है।
अबोर्शन को लेकर भारत का कानून क्या है?
आज से 2 दशक पहले तक हमारे देश मे अबोर्शन को लेकर कोई खास कानून नही था। अबोर्शन को लेकर हमारे देश में कानून वर्ष 2000 में बना था। इस कानून में यह भी लिखा गया है कि अगर आप प्रेगनेंट है और कपल के तौर पर आप समझते है कि अभी आप बच्चे के लिए रेडी नही है तो आप प्रेगनेंसी होने के 7 हफ्ते के अंदर अबोर्शन करा सकते है।
ये भी पढ़े : प्रेगनेंसी डाइट चार्ट मंथ बाय मंथ इन हिंदी
एमटीपी क्या होता है ?
एमटीपी को ऐसे तो मेडिकल टर्मिनेशन प्रोसेस कहते हैं लेकिन भारत में अगर आप एमटीपी का नाम लेते है तो आपको गर्भपात की टैबलेट चाहिए। यहीं माना जाता है। एमटीपी की दवाएं आपको मेडिकल स्टोर से नही मिलती है। आपको इसके लिए डॉक्टर के पास ही जाना होगा। उसके बाद ही आपको यह दवाई मिल सकती है।